व्यापारियों ने हमेशा दिए पैसे, सांगानेर बाजार भी होना चाहिए था गुलजार
- व्यापार महासंघ, सांगानेर के संरक्षक और सांगानेर व्यापार महासंघ के उपाध्यक्ष ने दीपावली पर रोशनी ना होने को बताया गलत
जस्ट टुडे
जयपुर। सांगा बाबा की नगरी के नाम से मशहूर सांगानेर बाजार की हालत दयनीय हो गई है। सांगानेर बाजार आस-पास के क्षेत्र के बाजारों में सबसे बड़ा है। इसके बाद भी दीपावली पर यहां ना तो सजावट हो रही और ना ही रोशनी। इस बारे में जस्ट टुडे से व्यापार महासंघ, सांगानेर के पूर्व पदाधिकारी ने कहा कि व्यापारी सजावट और रोशनी का पैसा ही नहीं देते हैं। हालांकि, व्यापारी उनकी बात से एकमत नहीं हैं। ऐसे में जस्ट टुडे ने व्यापार महासंघ, सांगानेर के संरक्षक त्रिलोक चौधरी और सांगानेर व्यापार महासंघ के उपाध्यक्ष लल्लूलाल चौहान से बात की। इन दोनों ने ही कहा कि सांगानेर बाजार के करीब 90-95 फीसदी व्यापारी सजावट और रोशनी के लिए पैसा देते आए हैं। यह गलत बात है कि व्यापारी सजावट के लिए पैसे नहीं देते हैं। त्रिलोक चौधरी ने कहा कि व्यापार महासंघ, सांगानेर की आपसी फूट की वजह से पदाधिकारियों में बिखराव है, ऐसे में इस बार सांगानेर बाजार में सजावट नहीं की गई। उन्होंने जस्ट टुडे से कहा कि अगली दीपावली पर सांगानेर बाजार में जरूर सजावट होगी। हालांकि, उन्होंने कहा कि सांगानेर बाजार में इस बार दीपावली पर रोशनी नहीं होना, गलत बात है।
व्यापार महासंघ, सांगानेर में फूट, इसलिए बाजार में नहीं हुई सजावट: त्रिलोक चौधरी
व्यापार महासंघ, सांगानेर के संरक्षक त्रिलोक चौधरी ने कहा कि पहले हमने 10 जिम्मेदार लोगों की एक टीम बना रखी थी। वह टीम सभी व्यापारियों के पास जाती थी और दीपावली पर सजावट और रोशनी के लिए करीब 500 रुपए मांगते थे। उन्होंने कहा कि करीब 90-95 फीसदी व्यापारी सजावट के लिए पैसा देते थे। हालांकि, उन्होंने कहा कि इस पैसे से ही रोशनी की व्यवस्था नहीं होती थी। इसके लिए बड़े व्यापारियों के एडवरटाइजमेंट लिए जाते थे, जिन्हें गेट पर लगाया जाता था। वहीं पदाधिकारी भी कभी 3100, 5100 रुपए भी देते थे। जस्ट टुडे ने उनसे पूछा कि जब व्यापारी सजावट के लिए पैसा देते हैं तो फिर इस बार सजावट क्यों नहीं की गई? इस पर त्रिलोक चौधरी ने कहा कि फिलहाल व्यापार महासंघ, सांगानेर में फूट है, तालमेल का अभाव है, सभी सदस्य निष्क्रिय हैं। लेकिन, जल्द ही सभी को फिर से सक्रिय किया जाएगा और अगली दीपावली पर सांगानेर में जरूर सजावट की जाएगी। जस्ट टुडे ने उनसे पूछा कि सांगानेर में इस बार सजावट नहीं हो रही, इस पर आपकी क्या राय है? इस पर त्रिलोक चौधरी ने कहा कि दीपावली का त्योहार सबसे बड़ा त्योहार है। ऐसे में इस दिन सांगानेर बाजार में सजावट और रोशनी नहीं होना, गलत बात है। इस दीपावली पर भी सांगानेर बाजार में सजावट और रोशनी होनी चाहिए थी। जस्ट टुडे ने उनसे पूछा कि बाजार में चर्चा है कि आप लोगों ने जब बाजार में रोशनी करवाई थी, तब रोशनी करने वाले के पूरे पैसे अभी तक नहीं दिए गए हैं? इस पर उन्होंने कहा कि नहीं, सभी का हिसाब पूरी तरह से चुकता कर दिया गया था।
दूसरे गुट का होने पर भी मैं हमेशा देता था सजावट का पैसा, सभी व्यापारी भी देते थे: लल्लूलाल चौहान
सांगानेर व्यापार महासंघ के उपाध्यक्ष लल्लूलाल चौहान ने बताया कि यह गलत बात है कि सजावट के लिए व्यापारी पैसा नहीं देते। उन्होंने कहा कि सजावट के लिए व्यापारी हमेशा पैसा देते थे। मैंने खुद भी सजावट के लिए पैसा दिया है। उन्होंने कहा कि सांगानेर बाजार में दो व्यापार महासंघ बने हुए हैं। मैं सांगानेर व्यापार महासंघ से जुड़ा हुआ हूं। बाजार में व्यापार महासंघ, सांगानेर ने जब रोशनी करवाई थी, तब दूसरे गुट का होने के बाद भी मैंने सजावट के लिए पैसे दिए थे। उस समय व्यापार महासंघ, सांगानेर के करीब 8-10 पदाधिकारी आते थे। इनमें शिवराज सोनी, त्रिलोक चौधरी, ओमप्रकाश शर्मा, रामजीलाल बागड़ा सहित कई लोग होते थे। उनको मैंने सजावट के लिए पैसे दिए हैं और अन्य व्यापारियों ने भी दिए थे। जस्ट टुडे ने उनसे पूछा कि जब व्यापारियों ने पैसे दिए तो फिर वो कहां गए? इस पर उन्होंने कहा कि व्यापार महासंघ, सांगानेर वाले ही इसका हिसाब दे सकते हैं। मैं तो दूसरे महासंघ से हूं, इसलिए मैंने कभी पूछा ही नहीं। जस्ट टुडे ने उनसे पूछा कि जब व्यापारी पैसे देते हैं तो फिर बाजार में रोशनी क्यों नहीं हो रही। इस पर उन्होंने कहा कि यह तो वे ही बताएंगे। उन्होंने कहा कि सुनने में आया था कि रोशनी वाला परेशान है। इस पर जस्ट टुडे ने पूछा कि क्या रोशनी वाले को पैसे नहीं दिए। इस पर उन्होंने कहा कि इस बारे में मुझे पुख्ता जानकारी नहीं है। हालांकि, उन्होंने कहा कि यह बात गलत है कि व्यापारी पैसे नहीं देते हैं। सभी व्यापारी हमेशा से पैसे देते आए हैं। उन्होंने कहा कि इस बार सांगानेर बाजार में रोशनी नहीं होना बिलकुल गलत बात है।
पैसे के बलबूते पर अध्यक्ष बनना उचित नहीं, मतदान के जरिए हो चयन
लल्लूलाल चौहान से जस्ट टुडे ने पूछा कि सांगानेर व्यापार महासंघ का कार्यकाल खत्म हुए काफी समय बीत चुका है। इस पर आपका क्या कहना है? इस पर उन्होंने कहा कि कार्यकाल तो खत्म हो चुका है, लेकिन फिर से जल्द ही चुनाव कराएंगे। इस बार भी मतदान के जरिए ही अध्यक्ष चुना जाएगा, सर्वसम्मति से अध्यक्ष का चुनाव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि मैं हमेशा से ही मतदान के जरिए अध्यक्ष चुनने के पक्ष में रहा हूं। उन्होंने कहा कि सांगानेर में दो व्यापार महासंघ होने की असली वजह यह है कि एक अध्यक्ष ने तो पैसों के बल पर गुपचुप मीटिंग के जरिए लोगों के हाथ अपने पक्ष में खड़े करवा लिए। उससे पहले मैंने ही सुझाव दिया था कि मतदान के जरिए ही अध्यक्ष चुना जाना चाहिए। मतदान में गरीब-अमीर कोई भी खड़ा हो सकता है, जिसे व्यापारी चाहेंगे, वह अध्यक्ष बन जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि कोई गरीब व्यापारी है, लेकिन उसकी छवि अच्छी है तो वह भी अध्यक्ष बनना चाहिए। यह कहां तक उचित है कि सिर्फ पैसे के बल पर ही अध्यक्ष चुना जाए। उन्होंने कहा कि शिवराज सोनी के पिता जब सांगानेर व्यापार महासंघ में महामंत्री थे, उन्हीं के समय से रजिस्टर में लिखा हुआ है कि अध्यक्ष का चुनाव वोटिंग के जरिए ही किया जाएगा। लेकिन, उस समय शिवराज सोनी वोटिंग के लिए तैयार नहीं हुए। तब फिर हम लोगों ने विरोध कर दिया। उसके बाद इन लोगों ने सिन्धी कॉलोनी में चुपचाप मीटिंग बुला ली और पैसे के बलबूते पर लोगों के हाथ ऊंचे करवाकर शिवराज सोनी को अध्यक्ष बना दिया। उसके बाद से ही सांगानेर में दो व्यापार महासंघ बन गए। उन्होंने कहा कि सांगानेर बाजार में दो व्यापार महासंघों की जरूरत ही नहीं है। हम अब भी यही चाहते हैं कि सांगानेर में एक ही व्यापार महासंघ हो और अध्यक्ष सहित सभी पदाधिकारियों का चुनाव मतदान के जरिए हो। सिर्फ पैसे के बलबूते पर अध्यक्ष का चयन नहीं होना चाहिए। चाहे अमीर हो या फिर गरीब, जिसकी छवि स्वच्छ हो, जिसे व्यापारी चाहे, वही अध्यक्ष बनना चाहिए।