विश्व की रक्षा के लिए विश्वनाथ का आव्हान
- कोरोना महामारी के शमन के लिए काशी में हुआ जनपदोध्वंस रक्षा अभिषेक का आयोजन
गुलाब चंद कुमावत
जस्ट टुडे
वाराणसी। विश्व में फैली कोरोना महामारी के शमन के लिए ब्रह्म सेना काशी के तत्वावधान में दुर्लभ जनपदोध्वंस रक्षा अभिषेक का आयोजन काशी स्थित अनादि तीर्थ दशाश्वमेध घाट पर किया गया। अनुष्ठान के आयोजनकर्ता काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉ. कुलपति तिवारी ने बताया कि जनपदोध्वंस रक्षा अभिषेक एकमात्र ऐसा अनुष्ठान है, जिसमें 12 की संख्या अथवा 12 के गुणांक का विशेष महत्व है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस अनुष्ठान के लिए 24 मई की तारीख का चयन किया गया है। इस अनुष्ठान में 12 ज्योतिर्लिंगों का अभिषेक किया गया। द्वादश ज्योतिर्लिंगों का आह्वान पर्थिव शिवलिंग में काशी के वैदिक ब्राह्मणों की ओर से किया गया। 12 वैदिक ब्राह्मणों के द्वारा सम्पादित होने वाले अनुष्ठान में 12 पवित्र नदियों का आह्वान किया गया।
वृंदावन के परामर्श पर किया गया गंगा किनारे पर
डॉ. कुलपति तिवारी ने बताया कि उमाशक्ति पीठाधीश्वर शंकराचार्य परम्परा संवाहक वृंदावन की ओर से मिले परामर्श से यह यज्ञ गंगा किनारे किया गया। आचार्य प्रवर चरक की ओर से प्रतिपादित जनपदोध्वंस रक्षा अभिषेक में कुशादक प्रक्रिया का पालन करते हुए आवाहित 12 नदियों गंगा, यमुना, सरस्वती, कृष्णा, कावेरी, गोदावरी, अलकनंदा, ताप्ती, नर्मदा, शिप्रा, सिंधु, ब्रह्मपुत्र के जल में तीन महासगरों के जल में 12 प्रकार की औषधियों का मिश्रण कर रुद्राभिषेक में 12 प्रकार की औषधियों से बाबा काशी विश्वनाथ के प्रतीक स्वरूप दंड पूजन के उपरांत पंच बदन प्रतिमा की वैदिक मंत्रोच्चार के द्वारा पूजा-अर्चना कर आयुर्वेद की 125 औषधियों के द्वारा हवन सम्पन्न करवाया गया।
कोविड नियमों का किया गया पालन
कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए वैदिक पंचदल के सदस्य 12 वैदिक आचार्य ही अनुष्ठान स्थल पर सम्मिलित किए गए। अनुष्ठान आरंभ होने से पूर्व अनुष्ठान स्थल को सैनेटाइज किया गया। वहां उपस्थित होने वाले सभीजन मास्क और फेसशील्ड धारण किए थे। इस अवसर पर काशी के प्रकांड विद्वान पं. बटुकनाथ शास्त्री, पं. दिनेश अम्बाशंकर उपाध्याय, पं. राजेश पांडेय, पं. भृगुनाथ शास्त्री एवं पं. राघवेंद्र शास्त्री मौजूद रहे।