कोरोना पीड़ित अधिवक्ताओं की मदद करे बार कौंसिल ऑफ राजस्थान: खेमचंद शर्मा

 - दी बार एसोसिएशन के पूर्व कार्यकारिणी सदस्य एडवोकेट खेमचंद शर्मा ने बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के चेयरमैन और सदस्यों को लिखा पत्र

जस्ट टुडे
जयपुर।
कोरोना महामारी ने कई घर के चिरागों को असमय ही बुझा दिया। ऐसे में उनके परिवार के सामने भरण-पोषण का संकट पैदा हो गया है। उन अधिवक्ताओं के परिजनों को आर्थिक मदद दिलाने दी बार एसोसिएशन जयपुर के पूर्व कार्यकारिणी सदस्य एडवोकेट खेमचंद शर्मा आगे आए हैं। एडवाकेट शर्मा ने बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के चेयरमैन और सदस्यों को पत्र लिखकर मांग की है कि ऐसे युवा अधिवक्ता जिन्हें महामारी ने छीन लिया है, उनके परिजनों को आर्थिक मदद देकर राहत प्रदान की जाए। साथ ही अस्पताल में भर्ती अधिवक्ताओं को भी यथासंभव आर्थिक मदद मुहैया कराने का आग्रह किया है। 

कई पीडि़त अधिवक्ताओं की यह है समस्या

एडवोकेट खेमचंद शर्मा ने बताया कि इस समय कोरोना महामारी फैली हुई है, जिससे हमारे बहुत से युवा अधिवक्ताओं की अकाल मृत्यु हुई है और कई इस गंभीर बीमारी से ग्रसित होकर हॉस्पिटलों में भर्ती हैं। ऐसे में बार कौंसिल ऑफ राजस्थान द्वारा संचालित राजस्थान बार वैलफेयर फण्ड के जो सदस्य हैं, तथा जिनकी इस बीमारी से मृत्यु हुई है उनके परिजनों को तो डेथ क्लेम मिल जाएगा। लेकिन, जो सदस्य होते हुए भी इस गम्भीर बीमारी के कारण हॉस्पिटलों में भर्ती रहे हैं, उन्हें क्लेम नहीं मिल पा रहा है, साथ ही जो वैलफेयर फण्ड के सदस्य नहीं हैं, उन्हें भी क्लेम की सुविधा नहीं मिल पाएगी। 

बार कौंसिल के पास 100 करोड़ से भी ज्यादा फण्ड
एडवोकेट खेमचंद शर्मा ने बताया कि बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के पास वर्तमान में लगभग 100 करोड़ से अधिक की राशि उपलब्ध है तथा राज्य सरकार के द्वारा भी अभी हाल ही में 10 करोड़ की राशि बार कौंसिल को दी गई है। 

एडवोकेट शर्मा ने दिए कौंसिल को सुझाव

ऐसे में खेमचंद शर्मा ने बार कौंसिल ऑफ राजस्थान को कुछ सुझाव भी दिए हैं, जिससे अधिक से अधिक पीडि़त वर्ग को मदद मिल सके। 

- राजस्थान वैलफेयर फण्ड की बीमारी के क्लॉज में कोविड की बीमारी को गम्भीर बीमारी मानते हुए इसे क्लॉज में शामिल किया जाए।
- जो अधिवक्ता वैलफेयर फण्ड के सदस्य नहीं हैं तथा जिनकी इस अकाल बीमारी से मृत्यु हो गई हो, उनको भी बार कौंसिल ऑफ राजस्थान राज्य सरकार से प्राप्त फण्ड से सहायतार्थ राशि प्रदान की जाए।
- जो सदस्य वैलफेयर फण्ड के सदस्य नहीं है, और इस गम्भीर बीमारी से ग्रस्त होकर हॉस्पिटलों में भर्ती हुए हैं, उन्हें भी सहायता प्रदान की जाए।

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