प्रदेश की तीन विधानसभाओं में 17 अप्रेल को होगा मतदान, मतगणना 2 मई को

 -  विधानसभा उप चुनाव-2021 का कार्यक्रम घोषित

- मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा स्वतंत्र-निष्पक्ष और शांतिपूर्ण के साथ ‘सुरक्षित चुनाव‘ करवाना भी विभाग की प्राथमिकता, कोरोनाकाल में आमजन से की सहयोग की अपील

- तीनों जिलों में प्रभावी हुई आचार संहिता

- 7.43 लाख से ज्यादा मतदाता कर सकेंगे मताधिकार का इस्तेमाल_ 

- 1145 मतदान केंद्रों पर करवाए जाएंगे चुनाव।                

जस्ट टुडे                                                            जयपुर। भारत निर्वाचन आयोग ने विधानसभा उप चुनाव-2021 के कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। चुनाव कार्यक्रम के अनुसार प्रदेश में राजसमंद जिले की राजसंमद, भीलवाड़ा जिले की सहाड़ा और चूरू जिले की सुजानगढ़ विधानसभा सीटों के लिए 17 अप्रेल को मतदान होगा, जबकि मतगणना 2 मई को करवाई जाएगी। तीनों विधानसभाओं में कुल 7 लाख 43 हजार 802 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे, इनमें 3 लाख 80 हजार 192 पुरुष व 3 लाख 63 हजार 610 महिला मतदाता हैं। 

मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि कोरोना काल में प्रदेश में पहली बार विधानसभा के उप चुनाव हो रहे हैं। ऐसे में सभी के लिए यह दौर बेहद संयम और सावधानी रखने वाला है। उन्होंने नामांकन से लेकर प्रचार और मतगणना तक कोरोना संबंधी सभी दिशा-निर्देशों की पालना कड़ाई से करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि राजनैतिक दल, उनके समर्थक और मतदाताओं से इस दौर में पूरे सहयोग की अपेक्षा की है।  गुप्ता ने बताया कि भीलवाड़ा जिले की सहाड़ा विधानसभा में कुल 2 लाख 47 हजार 400 मतदाता पंजीकृत हैं, जिनमें से 1 लाख 24 हजार 100 पुरुष और 1 लाख 23 हजार 300 महिलाएं हैं। चुरू जिले की सुजानगढ़ में 2 लाख 74 हजार 792 मतदाताओं में से 1 लाख 43 हजार 374 पुरुष व 1 लाख 31 हजार 418 महिला मतदाता हैं। इसी तरह राजसमंद विधानसभा में 2 लाख 21 हजार 610 मतदाताओं में से 1 लाख 12 हजार 718 पुरुष और 1 लाख 8 हजार 892 महिला मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगी। 



उन्होंने बताया कि तीनों जिलों के लिए अधिसूचना 23 मार्च को जारी होगी। अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन दाखिल करने का काम शुरू हो जाएगा। 30 मार्च तक नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे। 31 मार्च को नामांकन पत्रों की जांच व संवीक्षा होगी तथा 3 अप्रेल तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। 17 अप्रेल को मतदान होगा, जबकि मतगणना 2 मई को करवाई जाएगी।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि तीनों विधानसभाओं में 1145 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं। इनमें सहाड़ा में 387, सुजानगढ़ में 418 और राजसमंद में 340 मतदान केंद्र बनाए हैं। उन्होंने बताया कि सभी निर्वाचन क्षेत्रों में शत-प्रतिशत फोटो पहचान पत्र का वितरण किया जा चुका है। 

 गुप्ता ने कहा कि कोरोना के चलते इस बार आयोग द्वारा ऑनलाइन नामांकन की भी वैकल्पिक व्यवस्था दी है। साथ ही चुनावी सभा करने, वाहनों की अनुमति लेने जैसे कई कार्य आनलाइन संपादित किए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतें मय फोटो, वीडियो आदि निर्वाचन आयोग के सी-विजिल-एप में की जा सकती है, जिससे इन पर 100 मिनट की अवधि में कार्यवाही की जा सके। उन्होंने कहा कि उम्मीदवार व उनके समर्थक कोरोना के दौरान पूरी सावधानी और सतर्कता बरतेंगे तो प्रदेश में सुरक्षित मतदान संभव है। 

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि सरकारी वाहनों, हेलीकॉप्टर एवं विमान अनुमति के बाद ही उपयोग में लिए जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान किसी भी प्रकाशन सामग्री यथा पोस्टर, पंफलेट आदि पर प्रकाशक और मुद्रक का नाम आवश्यक रूप से प्रकाशित करना अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं करने वाले प्रिंटिंग प्रेस स्वामियों पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127 (क) के तहत कार्यवाही की जाएगी।

80 वर्ष से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग और दिव्यांगों को पोस्टल बैलेट

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि उपचुनाव में 80 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाता, क्वारंटीन और 40 फीसद से अधिक दिव्यांग मतदाताओं को पेास्टल बैलेट के जरिए मतदान कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि मतदान के दौरान ध्यान रखा जाए कि केंद्र, राज्य सरकार द्वारा जारी कोरोना गाइड लाइंस का उल्लघंन ना हो। 

इपिक कार्ड के साथ 11 अन्य दस्तावेजों से करें मतदान

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि विधानसभा उप चुनाव-2021 में मतदाता केवल वोटर स्लिप के आधार पर मतदान नहीं कर सकेंगे। मतदान के लिए मतदाता को इपिक कार्ड (मतदाता फोटो युक्त पहचान पत्र) दिखाना होगा। इपिक कार्ड नहीं होने की स्थिति में 11 अन्य वैकल्पिक दस्तावेजों में से किसी एक को दिखाने पर ही मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। आयोग के निर्देशानुसार इस बार के लोकसभा चुनाव में इपिक कार्ड के अलावा पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेन्स, राज्य या केन्द्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, पब्लिक लिमिटेड कम्पनियों द्वारा  अपने कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, बैकों या डाकघरों द्वारा जारी की गई फोटोयुक्त पासबुक, पेन कार्ड, आरजीआई एवं एनपीआर द्वारा जारी किए गए स्मार्ट कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, श्रम मंत्रालय की योजना द्वारा जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, विधायकों, सांसदों को जारी किए सरकारी पहचान पत्र या आधार कार्ड में से कोई एक दस्तावेज को मतदान करते समय दिखाना जरूरी होगा। मतदाता पर्ची पहचान का आधार नहीं मानी जाएगी। 

चुनावी व्यय पर रहेगी कड़ी नजर

उन्होंने बताया कि विधानसभा उप चुनाव के लिए उम्मीदवार द्वारा चुनाव व्यय की सीमा को 28 लाख से बढ़ाकर 30.80 लाख रुपए कर दिया है। उन्होंने बताया कि चुनाव व्यय के मॉनिटरिंग के लिए आयोग द्वारा पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाएंगे। जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा जिले में चुनाव व्यय की मॉनिटरिंग प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में उड़न दस्ते, सहायक निर्वाचन व्यय पर्यवेक्षक, वीडियो अवलोकन टीम और वीडियो सर्विलांस टीम के माध्यम से की जाएगी। अधिसूचना जारी होने के पश्चात् प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में स्थैतिक सर्विलांस टीम भी कार्य आरंभ कर देंगी।

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