जरूरतंदों को अब बुक बैंक भी 'समर्पण'

- दीपावली की सफाई में छंटनी किए गए कपड़ों के साथ किताबें, स्टेशनरी, स्कूल बैग, मोबाइल, लेपटॉप आदि संग्रहण अभियान 10 नवम्बर तक



जस्ट टुडे

जयपुर। मानवता और परोपकार के लिए समर्पित समर्पण संस्था द्वारा एक टैगलाइन 'आईये! इस कोरोनाकाल में एक कदम बढ़ायें परमार्थ की ओर'... के तहत अब दीपावली की सफाई में छंटनी किए गए कपड़ों के साथ बुक बैंक स्थापित कर किताबें, स्टेशनरी, स्कूल बैग, मोबाइल, लैपटॉप आदि संग्रहण अभियान 10 नवम्बर तक जारी किया है।
गत दो वर्षों में समर्पण वस्त्र बैंक से हजारों जरूरतमंद लाभान्वित हो चुके हैं। इस समय प्रतिदिन लगभग 30 से 50 जरूरतमंद व्यक्ति वस्त्र बैंक आकर कपड़े ले रहे हैं। इसके साथ दानदाता भी कपड़े जमा करवाने नियमित आ रहे हैं।


कोरोना के चलते बरत रहे पूरी सावधानी


कोरोना महामारी को देखते हुए दानदाताओं से अतिरिक्त पुराने कपड़े धोकर प्रेस करके एक पारदर्शी पन्नी में पैक कर उस पर साइज व उम्र लिखकर जमा करवाने की अपील की गई है। साथ ही रेडीमेड गारमेंट दुकानदारों से भी अपील की गई है कि जो कपड़े उनके पास वर्षों से बिक्री नहीं हो रहे हैं, कृपया उन कपड़ों को वस्त्र बैंक में दान करें। इस अभियान में दानदाता नए कपड़े व चप्पल भी दान कर सकते हैं। 


जरूरतमंदों को नि:शुल्क मिलेंगी बुक


पिछले 11 वर्षों से संस्था द्वारा जरूरतमंद विद्यार्थियों की शिक्षा के खर्चो में नियमित मदद की जा रही है। अधिक से अधिक निर्धन विद्यार्थियों की मदद हो सके, इसे ध्यान में रखकर अब वस्त्र बैंक के साथ बुक बैंक भी स्थापित किया गया है। इसमें प्री-प्राइमरी से कॉलेज तक की पुस्तकों के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी की पुस्तकें भी जमा की जाएंगी, जिन्हें जरूरतमंद विद्यार्थी नि:शुल्क इश्यु करवा सकेंगे।


यहां करा सकते हैं जमा


संग्रहण एवन आर्किटेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रधान कार्यालय स्थित बेसमेंट हॉल , 18 बी, श्री कल्याण नगर करतारपुरा में प्रात: 10 से सांय 6 बजे तक किया जा रहा है। समर्पण संस्था के संस्थापक अध्यक्ष आर्किटेक्ट डॉ. दौलत राम माल्या ने संदेश दिया है कि सम्पन्न लोग यदि ईश्वर का धन्यवाद करना चाहते हैं तो उसका सबसे अच्छा तरीका है कि जो मिला है उसका कुछ अंश जरूरतमंदों के साथ बांटें। यह अभियान ईश्वर को धन्यवाद देने का एक अवसर है ।


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