कोविड 19 वैक्सीन तैयार, लेकिन जन जन तक पहुंचने में अभी और 4 साल!
- फार्मा कंपनी सीरम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का दावा
जस्ट टुडे
दिल्ली। कोरोना से अब तक लाखों की जाने जा चुकी हैं और 9 माह बाद भी नहीं मिला कोई इलाज। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप ने लोगों की दिनचर्या ही बिगाड़ दी है और वैक्सीन का भारत में अभी दूर-दूर तक कोई पता नहीं। लगातार कोरोना संक्रमितों की संख्या विश्व भर में बढ़ती ही जा रही है तो उसी तेजी से भारत में भी कोविड-19 अपने पैर पसार रहा है। हर दिन भारत में 80 से 90 हजार मरीज सामने आ रहे हैं। दुनिया भर में करीब 3 करोड़ लोग कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं, इनमें भारत अब अमेरिका के बाद करीब 50 लाख संक्रमितों के साथ दूसरे नंबर पर आ गया है। भारत में जैसे-जैसे लॉकडाउन खुलता जा रहा है कोरोना वायरस और भी विकराल रूप धारण करता जा रहा है। जबकि शुरुआत में भारत में कोविड-19 की स्थिति अन्य देशों की तुलना में बहुत सही थी, यानी भारत में लोगों की समझदारी से इसे फैलने से रोकने में सरकार कामयाब भी हो गई थी। लेकिन अब जैसे-जैसे समय निकलता जा रहा है भारत में यह वायरस तेजी से फैल रहा है।
भारत में चौंकाने वाली स्थिति
Covid-19 को लेकर भारत में स्थिति चौंकाने वाली है क्योंकि संभला हुआ भारत अचानक विश्व में सबसे निचले पायदान से बढ़कर अब नंबर दो पर आ गया है, यानी कि भारत की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। ब्राजील को पीछे छोड़ भारत में संक्रमितों की संख्या आज 50 लाख के पार हो चुकी है, जिनमें मरने वालों का आंकड़ा भी 90 हजार के करीब पहुंच गया है। जानकारों की माने तो भारत में अब लोग लापरवाह ज्यादा हो गए हैं, इसी के चलते गाइडलाइन की पालना नहीं करने के कारण यहां भी कोविड-19 तेजी से फैल रहा है। लोग समझे नहीं तो कोरोना का बड़ा खामियाजा भारत के लोगों को उठाना पड़ेगा।
कोविड 19 वैक्सीन अभी दूर की कौड़ी !
भारत में जिस स्पीड से कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं उसी तेजी से वैक्सीन पर भी काम चल रहा है लेकिन अभी तक कोई बहुत अच्छे परिणाम सामने नहीं आए हैं। भारत की सीरम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी इस वैक्सीन की खोज में जुटी है और इसके लिए दुनिया भर की कई कंपनियों के साथ सीरम कंपनी ने करार भी किया है। फिलहाल भारत को वैक्सीन बनाने में पूरी तरह सफलता नहीं मिली है। यानी दुनियाभर के लोगों के लिए वैक्सीन अभी तक दूर की कौड़ी है।
भारत में कब आएगी वैक्सीन?
जानकारों की मानें तो भारत में भी कोरोना वायरस की वैक्सीन का परीक्षण चल रहा है और जल्द ही इसके सकारात्मक परिणाम भी आएंगे। दावों के अनुसार भारतीय कंपनी भारत बायोटेक ने वैक्सीन बनाकर उसका बंदरों पर प्रयोग भी कर लिया है, जो कि सफल भी माना जा रहा है। अब दूसरे चरण में टेस्टिंग की अनुमति भी इस कंपनी को मिल गई है। गौरतलब है कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च, नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी और भारत बायोटेक ने मिलकर यह वैक्सीन तैयार की है।
इधर बाबा रामदेव ने भी कोविड-19 की दवा बनाने का दावा किया था लेकिन कुछ विवादों के चलते अब उस दवा को इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर बाजार में उतारा गया है।
रूस ने बनाई वैक्सीन, दुनियाभर में है डिमांड
एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस ने कोविड-19 की वैक्सीन बना ली है। इसका परीक्षण भी रूस के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति पुतिन ने अपनी बेटी पर करवाया है जो सफल रहा। स्पूतनिक 5 नाम से कोविड-19 की वैक्सीन दुनियाभर में पहली रजिस्टर वैक्सीन है। इसके बाद से ही रूस में वैक्सीन का प्रोडक्शन भी तेजी से चालू हो गया है और इसकी पहली खेप रूस के सभी राज्यों में पहुंच भी गई है। लेकिन शायद अकेला रूस उस मात्रा में वैक्सीन नहीं बना पाएगा जिस मात्रा में दुनिया भर के लोगों को इसकी जरूरत है। यानी करीब 15 अरब लोगों को दुनिया भर में इसकी जरूरत है जो कि रूस के लिए आने वाले कई सालों में भी तैयार करना मुश्किल है।
दुनियाभर में 180 वैक्सीन पर चल रहा काम
विश्व में फिलहाल 180 वैक्सीन प्रोसेस में हैं, जिनमें 25 का ट्रायल अंतिम चरण में है। इधर संयुक्त अरब अमीरात ने भी कोविड-19 की वैक्सीन के दो परीक्षण पूरे कर लिए हैं और जल्द ही बाजार में वैक्सीन भी उतार देगा। वहीं चीन ने भी दावा किया है कि चीन भी नवंबर तक बाजार में कोविड-19 की वैक्सीन मुहैया करा देगा। भारत की सीरम इंडिया कंपनी के साथ वैक्सीन बना रही एक विदेशी कंपनी ने दावा किया है कि इस साल के अंत तक कोरोना की वैक्सीन बाजार में आ जाएगी, इधर ऑक्सफोर्ड भी वैक्सीन का ट्रायल कर रहा है जो अपने परीक्षण के अंतिम चरण में है, लेकिन हर आदमी तक वैक्सीन पहुंचने में अभी 3 से 4 साल काम समय लग सकता है।
बहरहाल दुनिया भर में वैक्सीन बनाने का काम और उसकी पूर्ति केवल भारत ही कर सकता है। दुनिया को 50 से 60प्रतिशत तक वैक्सीन की आपूर्ति करने वाले भारत के हैदराबाद और पुणे की फार्मा कंपनियां ही वैक्सीन बनाकर देंगी। एक जानकारी के अनुसार रूस में बनी कोरोना वैक्सीन का भारी मात्रा में उत्पादन के लिए भी भारत के इन्हीं 2 शहरों की कंपनियों से बात चल रही है।