...तो सांगानेर बाजार हो जाएगा 'बेजार'
- सांगानेर बाजार में नहीं स्थाई पार्किंग, यातायात पुलिस उठा रही वाहनों को
- वाहन उठने के डर से सांगानेर बाजार आने से कतरा रहे ग्राहक, व्यापार पर असर
- यातायात पुलिस, स्थानीय पुलिस और निगम प्रशासन के साथ व्यापारी करें प्रयास तो स्थाई पार्किंग की पूरी हो सकती है आस
जस्ट टुडे
जयपुर। कोरोना महामारी के चलते लगे लॉकडाउन ने सभी व्यापार बेपटरी कर दिए। कई लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा। थड़ी-ठेले और छोटे व्यवसायी भी दो जून की रोटी को मोहताज हो गए। यानी कोरोना महामारी ने देश में बेरोजगारी के आंकड़ों में तेजी से इजाफा कर दिया। कुछ ऐसा ही हाल जयपुर के हृदयस्थल सांगानेर में भी रहा। लॉकडाउन में बाजार बंद होने से व्यापार ठप हो गया। लॉकडाउन में ढील के बाद व्यापारियों को धीरे-धीरे व्यापार पटरी पर आने की आस जगी। लेकिन, शायद यातायात पुलिस को व्यापारियों की यह खुशी मंजूर ना हुई। शहर का यातायात पटरी पर लाने वाले लोग सांगानेर के व्यापार को बेपटरी करने पर तुले हुए हैं। यातायात पुलिस सांगानेर मुख्य बाजार से पिछले दो-तीन दिनों से वाहनों को उठाकर ले जा रही है। इसके चलते ग्राहक सांगानेर बाजार में आने से ही डर रहा है। व्यापारियों का कहना है कि यदि ग्राहक ही नहीं आएंगे तो फिर यह बाजार कुछ ही दिनों में 'बेजार' हो जाएगा।
नहीं है पार्किंग की स्थाई व्यवस्था
दरअसल, सांगानेर मुख्य बाजार में पार्किंग की स्थाई व्यवस्था नहीं है। इसके चलते व्यापारी और ग्राहक दुकानों के सामने सड़क पर ही दोपहिया वाहनों को पार्क कर देते हैं। हालांकि, इस वजह से सांगानेर में कई बार जाम के हालात बन जाते हैं। व्यापार महासंघ, सांगानेर का कहना है कि सांगानेर निगम में कई बार पार्किंग की स्थाई व्यवस्था करने को कहा जा चुका है। इस सम्बंध में कई बार लिखित में भी दिया जा चुका है। लेकिन, निगम प्रशासन ने अभी तक इस ओर ध्यान ही नहीं दिया है।
जब्त वाहन सांगानेर से ही छूटे : सोनी
व्यापार महासंघ, सांगानेर के अध्यक्ष शिवराज सोनी ने बताया कि सांगानेर बाजार में स्थाई पार्किंग नहीं होने से ग्राहक मजबूरीवश दुकानों के सामने वाहन पार्क करने को मजबूर हैं। सांगानेर बाजार में यह व्यवस्था कई वर्षों से चल रही है। हालांकि, समय के साथ ग्राहकों की बढ़ती भीड़ ने बाजार में जाम के हालात जरूर बना दिए हैं। ऐसे में अब यातायात पुलिस ने सड़क पर खड़े वाहनों को उठाना शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि यातायात पुलिस इन वाहनों को सांगानेर से उठाकर मालवीय नगर पुलिया के नीचे ले जा रही है। ऐसे में सांगानेर बाजार में आने वाले ग्राहकों और व्यापारियों को गाड़ी छुड़ाने के लिए मालवीय नगर जाना पड़ रहा है। ऐसे में आर्थिक के साथ-साथ ग्राहक को मानसिक परेशानी भी झेलनी पड़ रही है। सोनी का कहना है कि यातायात पुलिस जब्त वाहनों को सांगानेर कस्बे में ही रखे, जिससे वाहनों को आसानी से छुड़ाया जा सके।
...और खत्म हो जाएगा सांगानेर का बाजार
यदि यातायात पुलिस ने आपकी गाड़ी को सांगानेर बाजार से उठाया है और उसे वह मालवीय नगर पुलिया ले जाती है। गाड़ी मालिक को सांगानेर से मालवीय नगर जाना पड़ेगा, सांगानेर से मालवीय नगर जाने का ऑटो किराया 100-150 रुपए लगता है। इसके बाद वह जुर्माना करीब 100 रुपए और गाड़ी ले जाने का शुल्क करीब 174 रुपए भरेगा। यानी करीब 274 रुपए तो यातायात पुलिस को देने पड़ेंगे। ऑटो किराया मिलाकर 300 रुपए से ज्यादा का खर्च। मजेदार बात यह है कि यदि गाड़ी मालिक के पास वाहन की आरसी साथ में नहीं है, तो उसे वाहन नहीं दिया जाएगा। पहले उसे आरसी लानी पड़ेगी। यदि वह ग्राहक आस-पास के गांव का है, तो पहले वह गांव जाकर आरसी लाएगा और फिर जुर्माना भरकर गाड़ी छुड़ाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में उसके करीब दो दिन खराब होंगे और करीब 500 रुपए से ज्यादा खर्च हो जाएंगे। अगली बार वह व्यक्ति गाड़ी उठने के डर से सांगानेर बाजार ना जाकर जयपुर के किसी दूसरे बाजार में खरीदारी करना ज्यादा पसंद करेगा। ऐसे में सांगानेर का बाजार धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा। करोड़ों रुपए की दुकान और लाखों रुपए का सामान लेकर बैठे व्यापारी अपने परिवार का लालन-पालन कैसे करेंगे।
सांगानेर में अवैध मॉल खा गए पार्किंग
सांगानेर मुख्य बाजार सहित पूरे कस्बे में दो दर्जन से ज्यादा मॉल हैं। मजेदार बात यह है कि किसी भी मॉल में पार्किंग नहीं है। मॉल के मालिकों ने भी मुनाफे के फेर में पार्किंग की जगह में भी कियोस्क बनाकर बेच दिए। ऐसे में सांगानेर बाजार में पार्किंग ओवरलोड हो गई। क्योंकि, मॉल में पार्किंग नहीं होने से उनके दुकानदार और ग्राहकों की गाडिय़ां भी मॉल के सामने या फिर इधर-उधर खड़ी होती हैं। साथ ही अन्य ग्राहकों की गाडिय़ां भी बाजार में खड़ी होती है। ऐसे में सांगानेर बाजार में जहां देखो गाडिय़ां ही गाडिय़ां दिखती हैं।
सभी मिलकर करें प्रयास तो पूरी होगी आस
कानूनी रूप से देखें तो सांगानेर बाजार में यातायात पुलिस की कार्रवाई गलत नहीं है। लेकिन, मानवीय पहलू और बाजार की दशा देखकर यातायात अधिकारियों को स्थनीय पुलिस, निगम अधिकारियों और व्यापारियों के साथ बैठक कर इस समस्या का स्थाई समाधान खोजना चाहिए। स्थाई समाधान होने तक बाजार में एक ही लाइन की पार्किंग व्यवस्था को मंजूरी दी जानी चाहिए। साथ ही दुकानदारों को भी दुकान से आगे सामान ना लगाने के कठोर निर्देश दिए जाएं। इसके साथ ही अवैध मॉल्स पर कार्रवाई की जाए। व्यापारी और यातायात पुलिस मिलकर 'समझाइश सप्ताह अभियान' चलाएं। इसमें बाजार आने वाले ग्राहकों को एक ही लेन में पार्किंग करने, गाड़ी को सलीके से पार्क करने की हिदायत दी जाए। इसके बाद भी यदि ग्राहक सुधरने का नाम नहीं लें तो फिर मौके पर ही जुर्माना करें। इस संयुक्त कार्रवाई से पार्किंग की समस्या भी काफी हद तक ठीक हो जाएगी और ग्राहक भी जागरूक हो जाएंगे।