... तो निजी स्कूल संचालक करेंगे आन्दोलन
- सरकार के आदेश को बताया तुगलकी फरमान, जयपुर में कई जिलों के शिक्षक और स्कूल संचालकों ने की बैठक
- शिक्षा बचाओ संघर्ष समिति का किया गठन
जस्ट टुडे
जयपुर। जब तक स्कूल नहीं खुलते तब तक निजी स्कूल संचालक फीस नहीं ले सकते, राज्य सरकार के इस आदेश के विरोध में गुरुवार को जयपुर के एक निजी होटल में शिक्षक और निजी स्कूल संचालकों की बैठक आयोजित हुई। इसमें करीब 23 जिलों के शिक्षक और स्कूल संचालक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
बैठक में राज्य शिक्षामंत्री के निर्णय को 'तुगलकी फरमान' बताया। सभी ने आरोप लगाया कि दोहरी राजनीति करने से राजस्थान में 4 संचालकों ने आत्महत्या कर ली है। सरकार के इस फैसले से 10 लाख से अधिक शिक्षक, कर्मचारियों व संचालकों के सामने जीवन यापन का संकट पैदा हो गया है।
सड़क पर आ जाएंगे शिक्षक
इस दौरान निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने बताया कि राजस्थान सरकार को शिक्षकों व संचालकों को साथ लेकर चलना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर राजस्थान में हजारों प्राइवेट स्कूलें बन्द हो जाएंगी तथा लाखों शिक्षक और गैर शिक्षक स्टाफ सड़क पर आ जाएंगे।
...तो सड़कों पर उतरेंगे शिक्षक
संघर्ष समिति ने सरकार को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस असंवैधानिक आदेश को सरकार वापस नहीं लेती है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। इसमें समस्त शिक्षक व कर्मचारी सड़कों पर उतरेंगे।
इन्हें दी जिम्मेदारी
संघर्ष समिति की मुख्य संयोजक हेमलता शर्मा, कैलाश चंद शर्मा अजमेर, हरभान सिंह कुंतल भरतपुर, विनोद शर्मा अलवर संभाग, जितेंद्र कुमार अरोड़ा राजसमन्द, ब्यावर, पाली संभाग, आनंद थ्योरी बाड़मेर संभाग, सुखराम खोखर-जालोर संभाग के प्रभारी व समिति की प्रवक्ता सीमा शर्मा को नियुक्त किया गया।