मुख्यमंत्री का राजभवन को घेरने वाला बयान असंवैधानिक : पूनियां

- ‘द ग्रेट राजस्थान पाॅलिटिकल ड्रामा’ के निर्माता, निर्देशक और नायक खुद मुख्यमंत्री : डाॅ. सतीश पूनियां


जस्ट टुडे
जयपुर। प्रदेश के वर्तमान राजनैतिक हालात पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रेसवार्ता को सम्बोधित किया। प्रदेशाध्यक्ष पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल के खिलाफ लोगों को उकसाने वाला बयान दिया है, जो असंवैधानिक है और संसदीय परम्पराओं के विपरीत है और मुख्यमंत्री पद की गरिमा के खिलाफ भी है। डाॅ. पूनियां ने कहा कि ‘‘द ग्रेट राजस्थान पाॅलिटिकल ड्रामा’’ के निर्माता, निर्देशक और नायक खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं, जिसे पूरे प्रदेश की जनता देख रही है। 



उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और विधायकों ने राजभवन में धरने का जो नाटक किया, यह सब असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने संवैधानिक प्रमुख के खिलाफ लोगों को उकसाने का अपराध किया है, ऐसा राजस्थान के इतिहास में कभी नहीं हुआ है कि राजभवन को राजनीति का अखाड़ा बनाया गया हो। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश में कोरोना बेकाबू हो रहा है, तो इस तरह राजभवन में विधायकों का एकत्रित होना कानूनन सही नहीं है। 


अपने जाल में खुद फंसे सीएम

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री घटिया स्तर की  बयानबाजी कर खुद अपने जाल में फंसते नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कैबिनेट के निर्णय से राज्यपाल को अवगत करवा दिया है, तो फिर राजभवन में जाकर धरना देने का यह घटिया काम मुख्यमंत्री पद के लिए शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा कि राज्यपाल को क्या फैसला लेना है, वे अपने संवैधानिक अधिकारों के तहत फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं। 
 उन्होंने कहा कि मेरी राज्यपाल से मांग है कि ऐसे हालात से निपटने के लिए सीआरपीएफ लगाकर राजभवन की कड़ी सुरक्षा कर देनी चाहिए। 

कानून की उड़ी धज्जियां

उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि जब प्रदेश के लाखों परीक्षार्थियों की परीक्षा रद्द कर दी गई, तो फिर इस तरह राजभवन में मुख्यमंत्री एवं उनकी पार्टी के विधायकों का धरने पर बैठना कानून की धज्जियां उड़ा रहा है। प्रेसवार्ता में पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. अरूण चतुर्वेदी भी मौजूद रहे।


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