राज्य में 75 फीसदी लोगों ने दी कोरोना को मात

- राजस्थान में अब तक 5 लाख 18 हजार 350 टेस्ट अब तक किए जा चुके


- कोरोना की रोकथाम के लिए रखा 40 हजार जांचें प्रतिदिन करने का लक्ष्य



            चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने क्या कहा, सुनें उन्हीं की जुबानी



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जस्ट टुडे

जयपुर। चिकित्सा मंत्री डाॅ. रघु शर्मा ने बताया कि कोरोना की रोकथाम के लिए सरकार का पूरा ध्यान टेस्टिंग पर है। विभाग ने पहले 25 हजार टेस्ट प्रतिदिन करने का लक्ष्य रखा था एवं उसे अर्जित किया जा चुका है । अब अगला लक्ष्य 40 हजार जांचें प्रतिदिन करने का रखा गया है।



डाॅ. शर्मा ने बताया कि ज्यादा से ज्यादा जांचें करके ही हम कोरोना को चिन्हित कर उसे हरा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पूरे देश में अब तक 40 लाख टेस्ट हुए हैं, जिसमें से राजस्थान में अब तक 5 लाख 18 हजार 350 टेस्ट अब तक किए जा चुके हैं। हमारी टेस्टिंग क्षमता शून्य से 25150 तक जा पहुंची है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में कोबास-8800 मशीनों के आने के बाद हमारी जांच की क्षमता लगभग 40 हजार जाएगी। 
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि आईसीएमआर ने सिरोही जिले में जांच सुविधा देने की अनुमति दे दी है। इससे अब प्रदेश के 16 जिलों में जांच की सुविधा विकसित हो जाएगी। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में प्रदेश के सभी जिलों में जांच सुविधाएं उपलब्ध होने लगेंगी।


ज्यादा जांच होने से ही रुकेगा संक्रमण
               
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की माइक्रोप्लानिंग और माइक्रो मैनेजमेंट से हमारी पाॅजिटिव से नेगेटिव की रिकवरी बेहतर है और हम कोरोना को नियंत्रित कर पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि लाॅकडाउन के समय का विभाग ने पूरी तरह सदुपयोग कर स्वास्थ्य के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग की जाएगी। ऐसे में पाॅजिटिव केसेज की क्षमता बढ़ सकती है लेकिन हम उन्हें समय रहते आइसोलेट, क्वारंटाइन कर उपचार करेंगे तो उनके दुरुस्त होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाएगी। 


कोरोना जागरूता अभियान 21 जून से


डाॅ. शर्मा ने कहा कि कोरोना महामारी के प्रति जागरुकता लाने के लिए 21 से 30 जून तक प्रदेश भर में जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना से लडाई लंबी चल सकती है ऐसे में व्यापक तौर पर लोगों में जागरुकता लाकर ही उन्हें संक्रमण से मुक्त कर सकते हैं। हालांकि शहरों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी खासी जागरूकता आई है। लोग अब मास्क लगाने लगे हैं, बार-बार हाथ धोने लगे हैं और सभी सावधानियां भी बरत रहे हैं। फिर भी कोई लापरवाही नहीं रहे इसके लिए यह कारगर रहेगा।  


बच्चे-बुजुर्ग और गंभीर बीमार रहे सजग


स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना सबसे ज्यादा प्रभाव कमजोर इम्यूनिटी वालों पर पड़ता है। ऐसे में 10 वर्ष से कम और 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को थोड़ी ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। साथ ही गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोग भी पूरी तरह सजग रहें। उन्होंने कहा कि युवा और बेहतर इम्यूनिटी वाले लोगों के रिकवर होने की संभावना ज्यादा होती हैं। 


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