सांगानेर की निगहबान हैं इनकी आंखें
थकती नहीं...रुकती नहीं...मिटती नहीं...इनकी हस्ती...कोरोना वॉरियर्स के इसी जोश, जज्बे और जुनून को बयां करती जस्ट टुडे की खास रिपोर्ट
जस्ट टुडे
जयपुर। पूरे विश्व में कोरोना महामारी से युद्ध सा छिड़ा हुआ है। किसी के पास इस महामारी का 'रामबाण' भी नहीं है। ऐसे में हर देश उपलब्ध संसाधनों से ही इससे जमकर लोहा ले रहा है। यही हालात राजस्थान के भी हैं। सूरज की किरण के साथ ही महामारी का प्रकोप यहां बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में हर क्षेत्र के वॉरियर्स दिन-रात कोरोना को हराने में लगे हुए हैं। कोरोना के ऐसे ही कोपभाजन का सामना जयपुर की हृदयस्थली सांगानेर को भी करना पड़ रहा है। कोरोना का एपिसेंटर बने सांगानेर की सुरक्षा की बागडोर भी अब वॉरियर्स के हाथों में हैं। ये सभी वॉरियर्स अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की जान बचाने में जुटे हुए हैं। लोग चैन की नींद सो सकें...इसलिए इनकी आंखों से ही नींद गायब हो गई है। कोरोना से जनता बेसुध ना हो जाए इसलिए इन्हें अपनी ही सुध नहीं है। लोगों की इतनी फिक्र है कि घर पर भी उन्हीं का जिक्र होता है। जस्ट टुडे अपने पाठकों को मिलवा रहा है...उन सभी वॉरियर्स से, जिनकी बदौलत सांगानेर की सुरक्षा बेजोड़ बनी हुई है।
कप्तानी पारी खेल रहे डीसीपी राहुल जैन
जयपुर ईस्ट में कानून व्यवस्था की बात हो या फिर कोरोना पॉजिटिव क्षेत्रों में लोगों की सुरक्षा, डीसीपी राहुल जैन कप्तान के रूप में अपनी पारी अच्छे से खेल रहे हैं। क्षेत्र के पॉजिटिव लोगों को क्वारेंटाइन करवाने से लेकर प्रवासियों की सुरक्षित वापसी की व्यवस्था को भी वे बखूबी अंजाम दे रहे हैं। पॉजिटिव क्षेत्रों में कर्फ्यू की सख्त पालना और लोगों की जरूरतों का ध्यान रखना अब उनकी दिनचर्या में शामिल हो गया है। हाल ही में सांगानेर में अपनी टीम के साथ फ्लैग मार्च करके उन्होंने ना सिर्फ अपनी उपस्थिति दर्ज कराई बल्कि जनता को भरोसा दिया कि पुलिस उनकी सुरक्षा में तैनात है।
जस्ट टुडे के साथ बातचीत में डीसीपी ईस्ट राहुल जैन ने बताया कि पुलिस का फर्ज जैसे पहले था, कोरोना में भी वैसा ही है। लेकिन, पहले के बजाय अब स्वयं की सुरक्षा का ध्यान ज्यादा रखना पड़ता है। क्योंकि, अब जो दुश्मन है, वह अदृश्य है। हालांकि, कोरोना के इस दौर में सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक सिर्फ पास वाले ही बाहर निकल रहे हैं, ऐसे में क्राइम कंट्रोल में है। लेकिन, शाम 7 बजे के बाद नाकाबंदी और रात्रि गश्त की भी अहम जिम्मेदारी है। दौसा बॉर्डर पर काफी संख्या में प्रवासी श्रमिक हैं। चूंकि, गर्मी बहुत ज्यादा है, ऐसे में उनके लिए तम्बू, शेल्टर हाउस, पानी की व्यवस्था कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि हालांकि, बॉर्डर पर आने वाले सभी वाहन मालिक पास लेकर आ रहे हैं और पुलिस को सहयोग कर रहे हैं। इसके अलावा किसी की मृत्यु हो जाने पर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ अंत्येष्टि कराना, कफ्र्यूग्रस्त क्षेत्रों में राशन किट और बुजुर्गों की समस्याओं को सुलझाना अब प्राथमिकताओं में शुमार है। इसके साथ ही फील्ड में कार्य कर रही टीम को क्या जरूरत है, उन्हें कार्य के दौरान कोई तकलीफ तो नहीं आ रही है। उन सभी का खयाल रखना मेरी जिम्मेदारी है।
सांगानेर क्षेत्र में डॉ. धनेश्वर की पैनी नजर
कोरोना महामारी में सांगानेर ब्लॉक सीएमओ डॉ. धनेश्वर शर्मा की पैनी नजर क्षेत्र की रखवाली कर रही है। क्षेत्र की पूरी 'नब्ज' उनकी अंगुलियों पर है। उनकी भागदौड़ की शुरुआत सुबह 6 बजे से शुरू हो जाती है, जो देर रात तक चलती रहती है। डॉ. धनेश्वर शर्मा ने बताया कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वितीय डॉ. हंसराज बदालिया, डिप्टी सीएमएचओ (नोडल प्रभारी) डॉ. सुरेन्द्र सैनी, डिप्टी सीएमएचओ (फैमिली एण्ड वेलफेयर) डॉ. निर्मल कुमार के निर्देशन में सांगानेर ब्लॉक में पूरी टीम कार्य कर रही है। इसमें मेरे अलावा सीएचसी प्रभारी डॉ. देश दीपक अरोड़ा, डॉ. राम राय, डॉ. के.के. शर्मा, डॉ. मनोज शर्मा, डॉ. नितिन जैन, डॉ. स्वाति विजयवर्गीय, डॉ. राजेश शर्मा, डॉ. मनोहर प्रजापत हैं। हमारी पूरी टीम सीएचसी में मरीजों को भी देख रही है तो क्वारेंटाइन सेंटर भी जाती है। प्रवासी श्रमिकों और छात्रों को घर भेजने में भी यह टीम कड़ी से कड़ी जोडऩे का कार्य कर रही है। उन पर पूरी टीम की मॉनटरिंग के साथ ही उनकी सुरक्षा का भी अहम दायित्व है।
उन्होंने बताया कि क्षेत्र में पॉजिटिव केस आने पर उसको ट्रेस करवाने से लेकर क्वारेंटाइन करवाने तक की पूरी व्यवस्था वे संभाल रहे हैं। क्वारेंटाइन सेंटर में मरीजों की सैम्पलिंग कराना, उनकी जांच करने वाली टीम से फीडबैक लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत कराने का कार्य वे बखूबी निभा रहे हैं। टीम के लिए सुरक्षा उपकरणों की व्यवस्था से लेकर अधिकारियों के अहम निर्देशों की पालना सुनिश्चित करना उन्हीं के जिम्मे हैं। क्षेत्र में ओपीडी वैन भी उन्हीं की मॉनिटरिंग में संचालित की जा रही है। उनकी व्यस्तता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ऑफिस के बाद घर पहुंचने पर भी देर रात तक मोबाइल के जरिए मॉनिटरिंग कर रहे हैं। कोरोना से डरने के सवाल पर हंस कर बोले कि यह तो हमारा कार्य है, हम ही डर जाएंगे तो फिर लोगों को कौन संभालेगा।
सीएचसी में मरीजों के लिए उम्मीद का 'दीपक'
सांगानेर सीएचसी प्रभारी डॉ. देश दीपक अरोड़ा कोरोना महामारी में निडर होकर पूरी सेवाएं दे रहे हैं। ब्लॉक सीएमओ, सांगानेर डॉ. धनेश्वर शर्मा की अगुवाई में वे कोरोना काल में मरीजों की सेवा में मुस्तैद हैं। डॉ. देश दीपक ने बताया कि जो मरीज अभी तक सवाईमानसिंह और जयपुरिया अस्पताल जाते थे, वे अब सांगानेर सीएचसी आ रहे हैं। ऐसे में सांगानेर सीएचसी में दूर-दूर तक के लोग आ रहे हैं। सांगानेर सीएचसी में रोजाना औसतन करीब 400 मरीज आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले के बजाय अब चुनौतियां और खतरा ज्यादा है। अब हमें मरीज के साथ ही स्वयं की भी सुरक्षा करनी पड़ रही है। क्योंकि, इतने सारे मरीजों में पता नहीं चलता कि किसको कोरोना है। ऐसे में उनसे दूसरे मरीजों और स्टाफ को भी अनजाना खतरा रहता है। हालांकि, स्टाफ सुरक्षा के लिए मास्क, फेस शील्ड और सेनेटाइजर का इस्तेमाल कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि सीएचसी का समय तो पहले के बराबर ही है, लेकिन, जब कोई पॉजिटिव आ जाता है तो फिर पूरा दिन लग जाता है। इसके अलावा जो मरीज सीएचसी नहीं आ पाते हैं, उनके पास स्टाफ को भी भेजा जाता है। ऐसे में उनकी भी मॉनिटरिंग करनी पड़ रही है। हालांकि, अभी तक इस तरह के दो-तीन केस ही आए हैं। कोरोना महामारी के चलते एक घर में होते हुए भी परिजनों की सुरक्षा के लिए उनसे दूर रहना पड़ता है। हालांकि, उन्होंने कहा कि यह हमारा फर्ज है और पेशा भी सेवा का ही है, ऐसे में हमें तो अग्रिम मोर्चे पर रहना ही पड़ेगा।
दोहरी भूमिका निभा रहे डॉ. राय
सांगानेर सीएचसी में ही सर्जन डॉ. राम राय शर्मा भी कोरोना में अहम भूमिका निभा रहे हैं। सीएचसी प्रभारी डॉ. देश दीपक अरोड़ा के मुताबिक डॉ. राम राय इस समय मेरे कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। उनके होने से मुझे काफी सहारा मिला है।
ये मरीजों को भी देख रहे हैं तो क्षेत्र में कोई पॉजिटिव आने पर उसको ट्रेस और क्वारेंटाइन करवाने की दोहरी भूमिका निभा रहे हैं। डॉ. राम राय ने बताया कि डॉ. देश दीपक अरोड़ा के निर्देशन में उन्हें जो कार्य दिया जाता है, वे उसे पूरी निष्ठा से निभाने की कोशिश कर रहे हैं। सांगानेर क्षेत्र में सभी सैम्पलिंग उन्हीं के मार्गदर्शन में हुई हैं।
सांगानेर में अभी तक सीएचसी कार्यालय, कागजी मोहल्ला, सांगानेर बाजार, रैगरों का मोहल्ला, मुहाना मंडी में सुपर स्प्रेडर की रैण्डम सैम्पलिंग करा चुके हैं। उन्होंने बताया कि सीएचसी आने का समय तो निश्चित है, लेकिन जाने का फिलहाल तय समय नहीं है। पॉजिटिव केस आने पर तो दिनभर भागदौड़ रहती है। कोरोना के चलते परिजन तो बाहर निकलने से ही मना करते हैं। लेकिन, हमारा पेशा समाज-सेवा का है, ऐसे में उससे कैसे दूर जा सकते हैं। यदि हम लोग ही पीछे हट जाएंगे तो फिर कोरोना से मुकाबला कौन करेगा। डॉ. राम राय घर की छत पर बने हुए कमरे में अलग रहते हैं। उनकी पूरी दिनचर्या उसी कमरे से चल रही है, उनसे परिजनों को कोई खतरा नहीं हो, ऐसे में वे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं।