बिन नाम...'सांगानेर सेवा' का कर रहे काम
सांगानेर में करीब 20 समाज-सेवी 36 दिन से करा रहे जरूरतमंदों को भोजन
जस्ट टुडे
सांगानेर। नाम में क्या रखा है, जब यह किसी ने कहा होगा तो सोच-समझकर ही कहा होगा। लॉकडाउन के इस कठिन समय में सांगानेर के कई समाज-सेवी जरूरतमंदों की सेवा कुछ इसी तर्ज पर रहे हैं। इनका कहना है कि हमारा फोकस नाम से ज्यादा जरूरतमंदों की सेवा पर है। इनका मानना है कि यदि कोई कार्य नाम के लिए किया जाए तो उसमें सेवा का भाव कम हो जाता है। साथ ही इस कठिन समय में नाम के लिए सेवा करने से जरूरतमंद को भी हीन भावना का अहसास होता है। वह समाज से खुद को अलग मानने लगता है। इसलिए ये सभी लोग बिना नाम के ही जरूरतमंदों की ही सेवा कर रहे हैं।
2200 भोजन पैकेट रोजाना वितरित
सांगानेर के इस समाज-सेवी ग्रुप से करीब 20 लोग जुड़े हुए हैं। ये लोग 'सांगानेर सेवा' नाम से प्रतिदिन सुबह और शाम में करीब 2200 भोजन के पैकेट्स बनवाकर जरूरतमंदों को बांट रहे हैं। इस भोजन के पैकेट में पूड़ी, चावल और सब्जी होती है। इस ग्रुप के लोगों ने बताया कि हम रोजाना सब्जी अलग बनाते हैं, जिससे जरूरतमंद एक ही सब्जी से बोर ना हो जाएं।
करीब 400 लोग ऑफिस आ रहे खाना लेने
नगर-निगम रोड स्थित ऑफिस के सामने से भोजन लेकर जाते जरूरतमंद।
इस ग्रुप से जुड़े सांगानेर के प्रतिष्ठित व्यापारी ने बताया कि लॉकडाउन के दिन से ही हम लोगों ने निश्चय किया कि जरूरतमंदों को भोजन करवाया जाए। ऐसे में करीब 20 लोगों ने मिलकर 'सांगानेर सेवा' के नाम से भोजन के पैकेट्स बनवाना शुरू किया। ये भोजन पैकेट्स रोजाना पूरे सांगानेर क्षेत्र सहित आस-पास के क्षेत्रों में जरूरतमंदों को भेजे जाते हैं। उन्होंने बताया कि सुबह-शाम में करीब 300-400 भोजन के पैकेट नगर-निगम रोड स्थित ऑफिस के बाहर हाथों-हाथ बांटे जाते हैं। बाकी के पैकेट हर क्षेत्र में जरूरतमंदों को तय जगह भेजे जाते हैं।
स्वादिष्ट के साथ गुणवत्ता का रखते हैं ध्यान
उन्होंने बताया कि 'सांगानेर सेवा' के भोजन पैकेट्स कैंसर हॉस्पिटल सहित कई जगह जाते हैं। इसके अलावा सरकार की ओर से घर भेजे जा रहे कोचिंग छात्रों को भी ये भोजन के पैकेट्स हमारी ओर से भेजे जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि एक दिन कैंसर हॉस्पिटल में कहीं और से खाना आ गया था, तो वहां मरीजों ने कहा था कि हमें तो 'सांगानेर सेवा' का ही खाना मंगवाया जाए। यानी हमारी ओर से स्वादिष्ट भोजन के साथ ही उसकी गुणवत्ता का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
सुबह-शाम इस समय वितरित होता है भोजन
इस ग्रुप के समाज-सेवियों ने बताया कि हमारे साथ जुड़े सभी लोग पूरा आर्थिक सहयोग कर रहे हैं। खास बात यह है कि हमारे ग्रुप में सभी लोग व्यापारी और समाज-सेवी ही हैं। उन्होंने बताया कि करीब 36 दिनों से जरूरतमंदों को भोजन पहुंचाने का यह कार्य लगातार जारी है। सुबह करीब 10 बजे से 12 बजे और शाम को 4 से 6 बजे तक ऑफिस के बाहर खाना वितरित होता है।