30 साल में इस बार सोने की सबसे कम खपत, लॉकडाउन में चमक हुई फीकी
- 400 टन रह सकती है 2020 में सोने की खपत
1991 के बाद सबसे कम होगी खपत
जस्ट टुडे
नई दिल्ली। भारतीय संस्कृति में सोने के प्रति आकर्षण पुरातन काल से ही रहा है। आमतौर पर वर्तमान में भी ज्यादातर भारतीयों के घर में स्वर्णाभूषण मिल जाते हैं। सोना शुद्ध होने के चलते लोग इसे पहनने में भी दिलचस्पी रखते हैं। यही कारण है कि भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा सोने का आयातक है। लेकिन, कोरोना वायरस के चलते देशभर में लॉकडाउन है, ऐसे मे इसकी डिमांड काफी गिर गई है। बाजार विश्लेषकों का कहना है कि 2020 में सोने का आयात पिछले साल के मुकाबले आधा रह सकता है। हालांकि, कई मायनों में यह अच्छी खबर है।
कीमत में आएगी गिरावट, रुपए की कीमत सुधरेगी
सोने की मांग में कमी आने के कारण इसकी कीमत में गिरावट आएगी, जो मार्च के महीने में कई साल के उच्चतम स्तर तक पहुंच गई थी। सोने का कम आयात होगा तो भारत का व्यापार घाटा भी कम होगा और रुपए की गिरती कीमत में सुधार की गुंजाइश ज्यादा होगी।
400 टन तक खपत संभव
लॉकडाउन के कारण पूरे देश में स्वर्णाभूषणों की दुकानें बंद हैं। यह स्थिति 3 मई तक जारी रहेगी। साथ ही शादी जैसे कार्यक्रम टल रहे हैं, जिसमें सोने की जबर्दस्त डिमांड रहती है। वर्तमान परिस्थिति को देखकर ऐसा माना जा रहा है कि 2020 में सोने की खपत 400 टन तक रह सकता है जो 1991 के बाद सबसे कम होगा। 2019 में करीब 691 टन सोने की खपत थी।
लग्जरी आइटम्स पर कम रहेगी नजर
ज्वैलर्स का कहना है कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद भी लोगों के मन में भय का माहौल रहेगा, क्योंकि अर्थव्यवस्था की हालत गंभीर है। ऐसे में त्योहारी सीजन में भी लोगों की नजर लग्जरी आइटम्स पर नहीं रहेगी। जब तक आर्थिक हालात मजबूत नहीं होंगे, इसकी मांग में सुस्ती जारी रहेगी।